जानलेवा बीमारी से बचाते हैं टीके
Vaccines protect against fatal disease
दोस्तों बताना चाहूँगा की टीकाकरण कार्यक्रमों (Vaccination Programs) के परिणामस्वरूप अब कई संक्रामक रोग दुर्लभ या मिट गए हैं, लेकिन दुनिया भर में नए संक्रामक रोग दिखाई दे रहे हैं। जैसे कि वर्त्तमान में नॉवल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रामक रोग ने दुनिया भर में तहलका मचा रखा हैं |
टीकाकरण जीवन बचाता है। यह आपकी, आपके परिवार और आपके समुदाय की रक्षा करता है। टीकाकरण बीमारियों को मिटाकर भावी पीढ़ियों की रक्षा करने में मदद करता है। अब आप ये सोच रहे होंगे की इसकी जानकारी हमें कहाँ से मिलेगी की कोनसा टीका (Vaccines) आपके बच्चे को अभी लगना हैं | तो आपको बिल्चिंकुल चिंता करने की आवश्यकता नही हैं | आपको सिर्फ करना ये हैं | कि आपके क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता या आशा कार्यकर्त्ता से संपर्क करे | या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जा कर भी आवश्यक जानकारी ले सकते हैं |
आप सभी की जानकारी के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण अनुसूची -
टीके का नाम |
कब दिया जाए |
खुराक |
मार्ग |
स्थान |
गर्भवती महिला के लिए |
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टी.डी. -1 | गर्भावस्था के आरम्भ में | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | बाजू के ऊपर |
टी.डी. -2 | टी.डी. -1 के पश्चात 4 सप्ताह पर* | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | बाजू के ऊपर |
टी.डी.-बूस्टर | विगत 3 वर्षों में गर्भावस्था में 2 टी.डी. की खुराक यदि प्राप्त की हो* | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | बाजू के ऊपर |
नवजात के लिए |
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बी.सी.जी. | जन्म पर अथवा एक वर्ष की आयु तक शीघ्रताशीघ्र | 0.1 मि.ली. (एक माह की आयु तक 0.05 मि.ली.) | इंट्रा-डर्मल | बाई बाजू पर |
हैपेटाइटिस-बी (जन्म की खुराक) | जन्म पर (24 घंटे के अन्दर) | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | बाई जांघ के बीच में अगले भाग पर |
ओ.पी.वी.-0 | जन्म पर अथवा जन्म के 15 दिनों के अन्दर | 2 ड्रॉप्स | मौखिक | मौखिक |
ओ.पी.वी.-1 | 6 सप्ताह पर (5 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 2 ड्रॉप्स | मौखिक | मौखिक |
पेंटावेलेंट-1 | 6 सप्ताह पर (1 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | बाई जांघ के बीच में अगले भाग पर |
रोटा-वायरस-1 | 6 सप्ताह पर (1 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 5 ड्रॉप्स | मौखिक | मौखिक |
आई.पी.वी.-1 | 6 सप्ताह पर आंशिक खुराक | 0.1 मि.ली. | इंट्रा-डर्मल | दाई बाजू पर |
पी.सी.वी.-1 | 6 सप्ताह पर (1 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | दाई जांघ के अगले भाग पर |
ओ.पी.वी.-2 | 10 सप्ताह पर (5 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 2 ड्रॉप्स | मौखिक | मौखिक |
पेंटावेलेंट-2 | 10 सप्ताह पर (1 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | बाई जांघ के बीच में अगले भाग पर |
रोटा-वायरस-2 | 10 सप्ताह पर (1 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 5 ड्रॉप्स | मौखिक | मौखिक |
ओ.पी.वी.-3 | 14 सप्ताह पर (5 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 2 ड्रॉप्स | मौखिक | मौखिक |
पेंटावेलेंट-3 | 14 सप्ताह पर (1 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | बाई जांघ के बीच में अगले भाग पर |
रोटा-वायरस-3 | 14 सप्ताह पर (1 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 5 ड्रॉप्स | मौखिक | मौखिक |
आई.पी.वी.-2 | 14 सप्ताह पर आंशिक खुराक | 0.1 मि.ली. | इंट्रा-डर्मल | दाई बाजू पर |
पी.सी.वी.-2 | 14 सप्ताह पर (1 वर्ष की आयु तक दी जा सकती हैं) | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | दाई जांघ के अगले भाग पर |
पी.सी.वी. बूस्टर | 9 माह पुरे करने पर | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | दाई जांघ के अगले भाग पर |
मीजल्स रूबेला-1 | पुरे 9-12 माह पर (5 वर्ष की आयु तक खसरे/रूबेला की खुराक दी जा सकती हैं) | 0.5 मि.ली. | सब-कूटेनियस | दाई बाजू पर |
विटामिन-ए (पहली खुराक) | 9 माह पुरे करने पर खसरे/रूबेला के साथ | 1 मि.ली. (1 लाख आई.यू.) | मौखिक | मौखिक |
बच्चों के लिए |
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डी.पी.टी. बूस्टर-1 | 16-24 माह | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | बाई जांघ के बीच में अगले भाग पर |
मीजल्स रूबेला- 2 | 16-24 माह | 0.5 मि.ली. | सब-कूटेनियस | दाई बाजू पर |
ओ.पी.वी.-बूस्टर | 16-24 माह | 2 ड्रॉप्स | मौखिक | मौखिक |
विटामिन-ए (दूसरी से नौवी खुराक) | 16-18 माह | उसके बाद 5 वर्ष की आयु तक प्रत्येक 6 माह पर | 2 मि.ली. (2 लाख आई.यू.) | मौखिक | मौखिक |
डी.पी.टी. बूस्टर-2 | 5-6 वर्ष | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | बाजू के ऊपर |
टी.डी. | 10 वर्ष 16 वर्ष में | 0.5 मि.ली. | इंट्रा-मस्क्यूलर | बाजू के ऊपर |
नमस्कार !!
खुश रहिये, स्वस्थ रहिये !!